डर को कैसे मारे? How to Overcome Fear? How to Become Fearless? in Hindi

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नमस्ते दोस्तों, मैं हूँ सतीशकुमार। दोस्तों आज के वीडियो में हम “अपने डर को कैसे मारे?” इस टॉपिक पर बात करेंगे। अभी इस वीडियो को लाइक करें, Director Satishkumar हिंदी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें और इस वीडियो को अंत तक देखिये। लेट्स बिगिन।

दोस्तों ये डर एक बेसिक भावना है। Yes, Fear is a basic human nature. इस धरती पर कोई निडर व्यक्ति नहीं है। हर कोई किसी न किसी वजह से डरता है। हजारों तरह के डर हैं। किसी को भूतों से डर लगता है तो किसी को बिल्लियों से। कोई पानी से डरता है, कोई पत्नी से डरता है। कुछ लोग पब्लिक में बोलने में डरते हैं तो कुछ लोग रात में अकेले सोने में डरते हैं। इस तरह के बहुत सारे डर होते हैं। इस डर से हमें फायदा भी है और लॉस भी है। डर से हमारी एनर्जी बर्बाद होती है, हमारी Confidence कम हो जाती है। हार की डर से हम कुछ नया सीखते भी नहीं और कुछ नया करते भी नहीं।

ये डर कभी हमें बचाता है, कभी हमारी टांग खींचता है, कभी हमें मार डालता है। उदाहरण के लिए ; अगर हम बहुत तेजी से कार चलाते हैं, तो मरने ने का डर हमारी कार की स्पीड को कम करवाता है। इस तरह से प्राण भय हमारी रक्षा करता है। हमारे अंदर का हिचकिचाहट का डर हमें स्टेज पर चढ़कर चार लोगों के सामने बोलने से रोकता है। इस तरह से ये डर हमारी टांग खींचता है। रात के अंधेरे में, अकेले चलते वक्त यदि कोई रस्सी हमारे ऊपर गिर जाए तो हम इसे सांप समझकर हम हार्ट-अटैक से मर जायेंगे। इस प्रकार काल्पनिक भय हमें मारता है। हमें अपनी रक्षा करने वाली डर की आवश्यकता है, न की टांग खींचने वाली, और जान लेने वाली डर की।

ये भय दो प्रकार के होते हैं। एक है मानसिक भय यानी Psychological Fear, दूसरा है शारीरिक भय यानी Physical Fear। ये डर सिर्फ हमारे दिमाग में होता है हकीकत में नहीं। आइए एक-एक करके इनके बारे में जानेंगे।

A) मानसिक भय : Psychological Fear

यह मानसिक भय कई बार हमें नीचे गिरा देता है। कभी हमारी टांग खींचता है, तो कभी-कभी यह हमें मार डालता है। इसलिए हमें इस मानसिक भय की कोई आवश्यकता नहीं है। हमें इसे मारना चाहिए। नहीं तो यह हमें मार डालेगा। ये मानसिक भय हमें आगे बढ़ने से रोकता है। उदाहरण के लिए ;

1) Fear of Public Speaking – चार लोगों में बोलने का डर

2) Fear of Failure – हारने का डर

3) Fear of Death – मौत का डर

4) Fear of Losing someone – किसी को खोने का डर

5) Fear of Ghosts – भूतों का डर Etc

लोग हमारे बारे में क्या सोचेंगे? इस डर से हम पब्लिक में बोलने से कतराते हैं। असफलता के डर से हम कुछ भी नया सीखते नहीं और नया try करते भी नहीं। कुछ लोगों को डर होता है कि अगर मैं अभी मर गया तो या वह मुझे छोड़ कर चली गई तो या वह मुझसे दूर हो गया तो?। इसलिए ऐसे लोग हमेशा डर में जीते हैं और अपने जीवन में कुछ भी हासिल नहीं करते हैं।

इस मानसिक भय को मारने का एक ही सरल उपाय है। इस मानसिक भय को समझकर हम इसे मार सकते हैं। हमें अपनी समझदारी को बढ़ाना है। मानसिक भय सिर्फ हमारे Mentality में होता है, Reality में नहीं। इसलिए मानसिक भय के जड़ तक जावो और इसे समझने की कोशिश करो। यदि आपको हॉरर मूवी देखने के बाद, भूतों से डर लगने लगता है तो इतना समझने की कोशिश कीजिए कि मूवी में मैंने कुछ भी देखा है, वो मेकअप है, भूत का मेकअप है बस। बेवजह सोचना बंद करें और प्रजेंट में रहें। तब मानसिक भय अपने आप नष्ट हो जाता है।

B) शारीरिक भय : Physical Fear

शारीरिक भय कई स्थितियों में हमारी रक्षा करता है। हमें गलत काम करने से रोकता है। यह हमारे अंदर जागरूकता पैदा करता है। इस शारीरिक भय से हमें कोई हानि नहीं होती, बल्कि अनेक लाभ होते हैं। उदाहरण के लिए ; पानी का भय, आग का भय, समुद्र का भय, धन खोने का भय और व्यापार के भय को शारीरिक भय कहा जा सकता है। यदि आप कुएं में तैरने के अनुभव के साथ समुद्र में कूदते हैं, तो आपका जान जा सकता है। ऐसे में हमारा शारीरिक डर हमें सीधे समुद्र में कूदने से रोकता है और हमें बचाता है। मान लो की आपके पास बहुत सारा पैसा है। उस समय में आप बिना अनुभव के बिज़नेस शुरू करते है तो आप बर्बाद हो जाते हो। ऐसे में शारीरिक डर आपको सोचने पर मजबूर कर देता है और आपको भिखारी बनने से रोकता है। इस प्रकार शारीरिक भय हमारी रक्षा करता है।

कभी-कभी हमें शारीरिक भय को मारना पड़ता है। उदाहरण के लिए ; पानी के डर से हम स्विमिंग सीखने से झिझकते हैं, तो आगे एक दिन पानी में गिरकर हमारी मौत हो सकती है। इसलिए स्विमिंग सीखना ही चाहिए। योजना बनाकर काम करने से, चीजों को ठीक से सीखने से हम इस शारीरिक भय को पूरी तरह से नष्ट कर सकते हैं। यदि हम साहस के साथ शारीरिक भय का सामना करते हैं, तो वह अपने आप दूर हो जाएगा।

हर तरह के डर को दूर करने के लिए कुछ आसान उपाय ऐसे हैं ;

1) अपनी समझ को बढ़ाकर अपने मानसिक डर को खत्म करें। Increase your understanding and kill your psychological fear. जिस चीज से आपको डर लगता हैं न, उसे समझने की कोशिश करें। काल्पनिक दुनिया से बाहर आ जाए और हकीकत में जीना सीखें। बेवजह सोचना बंद करें।

2) ठीक से योजना बनाकर काम करें, चीजों को अच्छे से सीखिए, साहस के साथ भय का सामना करें। ऐसे करके शारीरिक भय को खत्म करें।

3) अपनी नॉलेज को बढ़ाकर आप अपने डर को नष्ट कर सकते हैं। उदाहरण के लिए ; यदि आप कानून के बारे में जानते हैं, तो आपको किसी से डरने की जरुरत ही नहीं। आप सही हैं तो और आपको कानून का ज्ञान हैं तो पुलिस से आपको डर ही नहीं लगता। आपसे पुलिस डरती हैं। क्यों कि Knowledge is the Power.

4) नकारात्मक बातों से दूर रहें। नकारात्मक लोगों से दूर रहें। नकारात्मक सोचना बंद करें। हमेशा फिट और एक्टिव रहें। रोज़ कसरत करें। योग, प्राणायाम और ध्यान करें।

5) सबसे पहले खुद पर विश्वास रखे। विश्वास करें कि आप कुछ भी कर सकते हैं। डर के बारे में बेवजह सोचना बंद करें। Actions लीजिये। हर काम को आत्मविश्वास से करें। आपके रास्ते में जो भी आए उसका सामना करने के लिए तैयार रहें। Hug the fear, face it and destroy it.

सौ साल डरकर जीने से एक दिन बहादुरी से जीना गर्व की बात है। इसलिए अपने डर को खत्म करें और बहादुरी से जिएं… ऑल द बेस्ट एंड थैंक यू…

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Director Satishkumar

Satishkumar is a young multi language writer (English, Hindi, Marathi and Kannada), Motivational Speaker, Entrepreneur and independent filmmaker from India. And also he is the Co-founder and CEO of Roaring Creations Pvt Ltd India. Follow Me On : Facebook | Instagram | YouTube | Twitter My Books : Kannada Books | Hindi Books | English Books